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पसूडी में इश्क़ ए जमूरीयत

Post in Hindi, please read. Can't write a poem on thoughts as complicated and confusing as this. Some may laught at these words. But this is not a joke.  पसूडी में इश्क़ ए जमूरीयत एक तरफ ताज़, कुतुब और ज्ञानव्यापी मस्जिद के बारे में सवाल-जवाब के बवाल, दूसरी तरफ विरोधी पक्ष के एक युवा नेता का खून और अब किसानों के नेता टिकैत जी पर हमला। पूरे जोर-शोर से पसूडी ( Pasoori in Punjabi means confusion), फैलाई जा रही है ताकि महंगाई बेरोजगारी और आर्थिक मंदी से लोगों का ध्यान कहीं और ही भटकाया जाए।  इस संदर्भ में Coke Studio Pakistan Season 14 के Pasoori (यह खूबसूरत गाना पिछले तीन महीनों से अपने देश में बड़ी चर्चा में रहा है।), इस गाने का जिक्र कर रही हूं। गाना बेहतरीन हैं और आनंद, मनोरंजन ज़रूर करता है। लेकिन इस गाने से हम मनोरंजन के अलावा कुछ और हासिल कर सकते हैं, शायद।‌ क्या इस गाने से हम, हमारे इस फैले हुए पसूडी से हमारे भारतीयता को, अपने जमूरीयत ( democracy) को बचाने के लिए, उसे जमके पकड़ कर, उसे संवारने, बनानें और अपनाने के लिए थोड़ी हिम्मत जुटाने की आशा जीवित कर सकते हैं?  या हम बस फैला